सिपाही के घर चोरों ने उड़ाया लाखो का माल नकदी और जेवर


*सिपाही के घर से लाखों का माल चोरों ने उड़ाया,*
             
 *जौनपुर।* जिले के केराकत कोतवाली क्षेत्र के पचवर गांव के दिल्ला का पूरा पुर्वे में बीती रात चोर घर में घुस नगदी समेत लाखों रुपए के जेवरात को लेकर फरार हो गए। बताते है कि हृदय नारायण पाठक का परिवार के साथ बरामदे में सो गए। आधी रात बाद चोर घर के पीछे लगे खिड़की के सहारे छत पर चढ़ आंगन में बनी सीढ़ियों के सहारे घर में घुस अंदर से मेन दरवाजा बंद कर गोदरेज आलमारी व सिंगार दानी का लॉकर खोलकर दो चांदी का पायल, दो सोने का लॉकेट, एक पैजनी छोटे बच्चे का, दो कंगन चांदी का व नगदी पांच हजार रूपए लेकर फरार हो गए।
      सुबह जब परिजनों की नींद खुली तो मेन दरवाजा खोलना चाहा तो दरवाजा नहीं खुला जिसके बाद चोरी होने का अंदेशा हुआ तो किसी तरह से दरवाजे को खोल अंदर जाकर देखा तो आलमारी खुली थी और सामान सब बिखरा पड़ा हुआ था। आस पास खोजबीन करने के बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही मौके पर क्षेत्राधिकारी व प्रभारी निरीक्षक साथ पहुंच जांच पड़ताल में जुट गए। 
            ज्ञात हो कि ह्रदय नारायन का पुत्र संदीप पाठक अंबेडकर नगर जिले में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। जीवित्पुत्रिका त्योहार पर उनकी पत्नी घर आई और पूजा पाठ कर वापस फिर चली गई। घटना की जानकारी संदीप पाठक को होते ही आनन फानन घर पहुंचा तत्पश्चात कोतवाली में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। वही आये दिन हो रही चोरियों से ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त हैं।पुलिस चोर को पकड़ने में असफल है।

 *भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही शहर की धंस रही सड़कें: गौतम गुप्ता*
                    
*जौनपुर।* स्वच्छ गोमती अभियान की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान संस्था के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने कहा कि जौनपुर में नमामि गंगे व अमृत योजना के तहत हो रहे सीवर कार्य व एसटीपी कार्य मे शुरू से ही हमने गम्भीर भ्रष्टाचार की बात उठाई, जिसपर समय रहते जिम्मेदारों ने कार्यवाही उचित नही समझी और उस भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहे, जिसका दुष्परिणाम आज समूचा शहर भुगत रहा है। शहर की एक भी प्रमुख सड़क नही बची जो धंस न गयी हो, आये दिन छोटे बड़े वाहन लगभग हर सड़क पर धंसे नजर आते हैं, शहरवासी अपने घर से इस भय में निकलता है कि जब कौन सी सड़क धंस जाए, स्वच्छ गोमती अभियान ने सड़कों की खोदाई के समय ही उसके ग्रेवलिंग, व मिट्टी के कंपेक्शन न किये जाने की बात गम्भीरता से उठाई थी, आज ये हर ओर धंस रही सड़कें इसी भ्रष्टाचार का परिणाम हैं।दोनों ही योजनाओं में कार्यरत फर्मों को जानबूझकर अप्रत्यक्ष मोटा लाभ देने की नीयत से पर्दे के पीछे से इस भ्रष्टाचार को बढावा देने वाले प्रभावशाली लोग जलनिगम द्वारा खोदी गयी सड़कों को दूसरे विभागों क्रमशः पी0डब्लू0डी0, नगर पालिका व डूडा से बनवा रहे हैं जबकि उपरोक्त दोनों प्रोजेक्ट में कम्पनियों को सरकार द्वारा सड़क खोदे जाने से लेकर वापस उसे बनाये जाने तक का धन दिया गया है, अब सवाल ये बनता है कि जब उस सड़क को दूसरे विभाग से बनवाया गया तो एसटीपी व अमृत योजना की फर्मों को सड़क पुनर्निर्माण मद में मिला पैसा आखिर कहा गया, कौन है इस गम्भीर भ्रष्टाचार के पीछे और कौन संस्तुति कर रहा है इन सड़कों के निर्माण की, आखिर इन सबके बीच माँ गोमती के हितों की ही हत्या हो रही है, क्यों कि यह सारी कवायद अनन्तः गोमती नदी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने की ही है, ऐसे में यह गम्भीर जांच का विषय है अन्यथा वो दिन दूर नही जब पूरा शहर पाताल लोक बन जायेगा, अभी तो सड़कें धंस रही हैं आने वाले समय मे उसी पानी के रिसाव से लोगों के मकान गिरना शुरू हो जाएंगे।

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