दुल्हे की नकली आंख का पता लगते ही शादी टूटी,*
*दुल्हे की नकली आंख का पता लगते ही शादी टूटी,*
*जौनपुर।* जिले के बरसठी थाना क्षेत्र में दूल्हा की आंख को लेकर शादी टूट गई। मंडप में बैठे दूल्हे की एक आंख कैमरे की लाइट से चमक गई। इस पर हंगामा खड़ा हो गया। औरतों ने एक आंख बंद कराकर उंगली गिनवाई, लेकिन दूल्हा नहीं गिन पाया। इस पर हंगामा खड़ा हो गया।
लड़की के घर वालों ने पुलिस बुला ली। रात भर पंचायत चली। डेढ़ लाख हर्जाना देने के बाद मामला शांत हुआ। बारात वापस चली गई। दूल्हे के पिता ने कहा कि बेटे ने पत्थर की आंख नहीं लगाई थी। वह लेंस लगाए हुए था। जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बरसठी का मलई गांव। यहां के रहने वाले राम सेवक ने अपनी बहन की शादी मछलीशहर के निजामुद्दीनपुर गांव के रहने वाले पिंटू गौतम बेटे जगमोहन से तय की।
5 महीने पहले शादी फिक्स तहुई। 8 जून को बारात आई।लड़की के भाई राम सेवक ने बताया कि इससे पहले हमें यह नहीं पता था कि दूल्हा एक आंख से अंधा है। हम लोग शादी की तैयारी में जुटे थे। कल सुबह से घर पर बारात के स्वागत की तैयारी चल रही थी। दहेज में देने के लिए सारा सामान आ चुका था। घर में मेहमान और जानने वाले आए गए थे।खाना, नाश्ता बन चुका था। सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी थी। शाम 7 बजे मछलीशहर से बारात आई। करीब 150 बाराती आए थे। हमने बारातियों को नाश्ता कराया। रिश्तेदार द्वार पूजा की तैयारी में जुट गए। हम लोगों ने बारात का स्वागत फूल माला से स्वागत किया। सभी बारात खाना खाए। फिर मंडप में सिंदूरदान की तैयारी चलने लगी। शादी के लिए मंडप में लड़का-लड़की आए।
पंडित जी ने मंत्र शुरू किया। तभी कैमरा मैन की लाइट दूल्हे की आंख पर पड़ी। उसकी आंख चमकने लगी। तभी एक महिला को शक हुआ। उसने घर वालों को ये बात बताई।घर वालों ने लड़के को पास बुला कर चेक किया। उसकी एक आंख बंद कराकर उंगली की गिनती कराई तो पता चला लड़का एक आंख से नहीं दिखता है। वह पत्थर की आंख लगा कर यहां आया था। जब शादी तय हो रही थी तो लड़के के पिता ने हमे यह नहीं बताया था कि लड़का एक आंख से नहीं देख सकता है।जब हम देखने गए तो लग नहीं रहा था कि लड़का देख नहीं सकता। हमारे साथ बहुत बड़ा धोखा हुआ है। मेरी बहन की जिंदगी खराब हो जाती। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया। हम लोग चाहते हैं। शादी में जितना खर्च हुआ ये लोग दे दें। हम शादी नहीं करेंगे। दूल्हे के पिता पिंटू गौतम ने बताया कि लड़की के वाले हमारे घर 10 बार गए। इन लोगों ने उसे देखा। तब इनको देखना चाहिए था। इनकी बहन भी मेरे बेटे को देखने गई थी। तब इन लोगों को क्यों पता नहीं चला। हमने इनको यह बात नहीं बताई थी कि मेरा बेटा एक आंख से नहीं देख सकता है। वह पत्थर की आंख नहीं, बल्कि लेंस लगाए था। अब यह लोग शादी से मना कर रह रहे हैं। इन लोगों को पहले देखना चाहिए था। मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि इनको पैसा दे सकूं। न तो हर्जाना दे सकता हूं।

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